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गुरु लाहिरी महाशय (शाकाहारी) का जीवन और शिक्षाएं 'योगी की आत्मकथा' में, परमहंस योगानंद (शाकाहारी) द्वारा, 2 का भाग 2

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"सभी देखने वालों को आश्चर्य होता था, कि लाहिड़ी महाशय की शारीरिक स्थिति में सांस फूलना, अनिद्रा, नाड़ी और हृदय की धड़कन बंद हो जाना, घंटों तक बिना पलक झपकाए शांत आंखें और शांति की गहन आभा जैसी अलौकिक विशेषताएं प्रदर्शित होती थीं।"