खोज
हिन्दी
  • English
  • 正體中文
  • 简体中文
  • Deutsch
  • Español
  • Français
  • Magyar
  • 日本語
  • 한국어
  • Монгол хэл
  • Âu Lạc
  • български
  • Bahasa Melayu
  • فارسی
  • Português
  • Română
  • Bahasa Indonesia
  • ไทย
  • العربية
  • Čeština
  • ਪੰਜਾਬੀ
  • Русский
  • తెలుగు లిపి
  • हिन्दी
  • Polski
  • Italiano
  • Wikang Tagalog
  • Українська Мова
  • अन्य
  • English
  • 正體中文
  • 简体中文
  • Deutsch
  • Español
  • Français
  • Magyar
  • 日本語
  • 한국어
  • Монгол хэл
  • Âu Lạc
  • български
  • Bahasa Melayu
  • فارسی
  • Português
  • Română
  • Bahasa Indonesia
  • ไทย
  • العربية
  • Čeština
  • ਪੰਜਾਬੀ
  • Русский
  • తెలుగు లిపి
  • हिन्दी
  • Polski
  • Italiano
  • Wikang Tagalog
  • Українська Мова
  • अन्य
शीर्षक
प्रतिलिपि
आगे
 

कृपया समय समाप्त होने से पहले अपने आस-पास के लोगों को नींद से जगाने और पश्चाताप करने का यथासंभव प्रयास करें।

विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
और अब हमारे पास औलाक, जिसे वियतनाम भी कहा जाता है, के दीउ लिन्ह से एक दिल की बात है:

प्रिय गुरुवर, मैं अपने आंतरिक दर्शन का खुलासा करने के लिए गुरुवर से अनुमति चाहती हूँ। मैंने देखा कि हममें से एक समूह, औलासी (वियतनामी) दीक्षित जन, गुरुवर का स्वागत करने तथा उन्हें औलाक (वियतनाम) वापस लाने के लिए एक स्थान पर जा रहे थे, लेकिन वहाँ का रास्ता सुनसान तथा उदास था। हम एक पहाड़ पर चढ़े, जहाँ एक छोटा साधारण सा घर था। हमारे पहुंचते ही गुरुवर वहां अचानक प्रकट हो गये। आपका शरीर मिट्टी और चट्टानों की कई मोटी परतों से ढका हुआ था, और आपके शरीर पर चट्टान का एक बड़ा टुकड़ा था। आप मुश्किल से चल पा रहें थे और आपकी अंदरूनी चोटें बहुत गंभीर थीं। हम बहुत हैरान और चिंतित थे। हमने पूछा कि गुरुवर क्यों घायल हुए और उनके शरीर पर मिट्टी और पत्थर क्यों चिपके हुए थे।

उस समय गुरुवर बहुत थके हुए थे, लेकिन फिर भी आपने हमें आश्वस्त किया कि आप ठीक हैं, हमें चिंता नहीं करनी चाहिए, कि आप मर नहीं रहे हैं, और आपने कहा कि आप जीत गये हैं। अभी-अभी आपने राक्षसों के साथ अंतिम युद्ध किया है; इसीलिए आप इस तरह आंतरिक रूप से घायल हो गए थे। गुरुवर के शरीर पर कीचड़ भरे पत्थर उन सत्वों के कर्मों के कारण थे जिसे गुरुवर ने अपने ऊपर लिए थें। तब हमें गुरवर द्वारा संवेदनशील प्राणियों और औलक (वियतनाम) के लोगों के लिए किए गए बलिदान पर गहरा दुख हुआ।

उस समय, गुरुवर बहुत पीड़ा में थे, लेकिन आप फिर भी मुस्कुराए और हमें बताया कि आप खुश हैं क्योंकि आपने यह अंतिम लड़ाई जीत ली है। मुझे हमेशा से विश्वास रहा है कि आपकी असीम प्रेम और करुणा सभी पर विजय पा लेगी। मैं सदैव हमारे और पृथ्वी के सभी प्राणियों के लिए गुरुवर के बलिदान को याद करती हूँ। मैं गुरुवर से सदैव प्रेम करती हूँ। आप मेरे जीवन की रोशनी हैं, सदैव मेरा मार्गदर्शन करते हैं और मेरा मार्ग प्रकाशित भी करते हैं। मैं आदरपूर्वक कामना करती हूँ कि गुरुवर, आपकी शक्ति सदैव शक्तिशाली रहे और आपका बुद्ध शरीर शाश्वत रहे। औलाक (वियतनाम) से दीउ लिन्ह

स्नेही दीउ लिन्ह, आपकी दिल की बात के लिए धन्यवाद।

गुरुवर आपके लिए यह संदेश भेजतें है: “धैर्यशील दीउ लिन्ह, धन्यवाद आपकी दयालु परवाह के लिए, और यह जानकर खुशी हुई कि आपने काफी अच्छी प्रगति की है! हमें सर्वशक्तिमान ईश्वर, अतीत, वर्तमान और भविष्य के संबुद्ध गुरुओं के साथ-साथ संतों और मुनियों के प्रति सदैव आभारी होना चाहिए, कि उन्होंने हमारे विश्व को विनाश से बचाया है। दैवीय शक्ति के बिना पृथ्वी बहुत पहले ही नष्ट हो गई होती। कृपया समय समाप्त होने से पहले अपने आस-पास के लोगों को नींद से जगाने और पश्चाताप करने का यथासंभव प्रयास करें। कामना है कि आप और ईमानदार औलासी (वियतनामी) लोग अपने दयालु हृदय का अनुसरण करें और कमजोर प्राणियों की रक्षा करें। परमेश्वर-आशीर्वाद में मैं आपको गले लगाती हूँ!”
और देखें
नवीनतम वीडियो
5:49

Flood Relief Aid in India

2024-12-22   149 दृष्टिकोण
2024-12-22
149 दृष्टिकोण
41:12

उल्लेखनीय समाचार

2024-12-22   138 दृष्टिकोण
2024-12-22
138 दृष्टिकोण
35:22

उल्लेखनीय समाचार

2024-12-21   129 दृष्टिकोण
2024-12-21
129 दृष्टिकोण
साँझा करें
साँझा करें
एम्बेड
इस समय शुरू करें
डाउनलोड
मोबाइल
मोबाइल
आईफ़ोन
एंड्रॉयड
मोबाइल ब्राउज़र में देखें
GO
GO
Prompt
OK
ऐप
QR कोड स्कैन करें, या डाउनलोड करने के लिए सही फोन सिस्टम चुनें
आईफ़ोन
एंड्रॉयड